Saturday, September 11, 2010

लगता है प्रभु चावला को अब भारत-रत्न चाहिए!

लगता है प्रभु चावला के मन में भारत-रत्न की तीव्र ज्वाला भड़क रही है. शायद इसीलिए आज कल उनका चैनल हिंदूवादी संगठनो और साधू-संतों के पीछे पड़ गया है. उनको उम्मीद है की इससे चैनल की धर्मनिरपेक्ष छवि मजबूत होगी और पंजे की सरकार खुश होकर उनको भारत रत्न से नवाज़ देगी. आज कल उनके चैनल को कभी भगवा आतंकवाद दिख रहा है तो कभी संतों के काले कारनामे. कल (शुक्रवार, १०.९.१०) फिर देश के सबसे बड़े चैनल ने देश का सबसे बड़ा खुलासा करके अपनी पीठ थपथपाई. हाँ जी, ये था एक स्टिंग ऑपरेशन जो देश के नामी कथावाचकों और संतों की पोल खोलने के लिए रचा गया था. इतना तो तय है की ये सब अचानक नहीं हो रहा. ये सब किसी स्ट्रेटेजी के तहत ही किया जा रहा है. नोट करने की बात ये है कि इस पूरे स्टिंग में सरकारी विज्ञापन खूब दिखाए गए.

संतों पर किया गया ये स्टिंग बेहद बचकाना और हास्यास्पद था. संतों के करीबियों के माध्यम से आज तक की टीम उनसे मिली. कहीं इस टीम ने एक ऐसी लड़की के लिए पनाह मांगी जिस पर विदेश में गबन का मामला चल रहा है तो किसी से काले धन को सफ़ेद करने का तरीका पूछा. संतों ने जो भी बातें कहीं वो केवल अति विश्वास में आकर एक बेहद परेशान इन्सान को हिम्मत बंधाने के लिए कहीं. खासतौर से सुधांशु जी महाराज ने कोई भी ऐसी बात नहीं कही जिसका चैनल ने बवाल बना दिया. ये भारत की संस्कृति है कि अगर कोई परेशानी में फंसा इन्सान मदद मांगने आता है तो फिर शरण में आये व्यक्ति की मदद करना धर्म होता है. फिर आज तक ने तो संतों से मिलने के लिए उनके करीबियों को मोहरा बनाया.

फिर भारत एक ऐसा देश है जिसमें तमाम धर्मों के लोग रहते हैं. फिर हर बार हर चैनल केवल एक ही धर्म पर क्यों निशाना साधता है. अगर इन चैनलों का उद्देश्य धर्म में व्याप्त बुराइयों को उजागर करके उसके ठेकेदारों का चेहरा सामने लाना होता तो सभी धर्मों से जुड़े लोगों पर स्टिंग किया जाता. जाहिर है दूध का धुला कोई भी नहीं, हर जगह बुराइयाँ हैं, खुद आज तक में तमाम बुराइयाँ हैं. उन दोनों एंकरों से लेकर, जो इस स्टिंग को पेश कर रहे थे, तमाम लड़कियों को एंकर बनाये जाने तक बुराइयाँ ही बुराइयाँ हैं. जाहिर है चैनल का कोई पवित्र उद्देश्य नहीं था. लगता है अब आज तक का रिमोट कंट्रोल विडियोकौन टॉवर के बहार से काम कर रहा है.

ये तो सभी जानते है कि आज देश के अधिकांश खबरिया चैनल मानसिक दिवालियेपन से गुजर रहे हैं. ऊपर बैठे लोगों की सोच काम ही नहीं कर रही है कि आखिर २४ घंटे के चैनल पर क्या दिखाया जाए जिस से टीआरपी भी बढे विज्ञापन भी मिले. किसी को तंत्र-मंत्र का सहारा है, किसी को लाफ्टर चैलेन्ज का तो किसी को बॉलीवुड कलाकारों की निजी जिंदगी का. देश की वास्तविक समस्याओं को उजागर कर उनको दूर करने की दिशा में किसी के पास कुछ ठोस सोच नहीं.

ऊपर बैठा नीति निर्धारकों के मन में या तो राज्य सभा की सीट का लालच है या फिर पद्म-सम्मान का. वैसे एनडीए सरकार में उसके मनमाफिक काम करके प्रभु चावला पद्म सम्मान तो पहले ही झटक चुके हैं, अब राज्य सभा की सीट या भारत रत्न पक्का होता दिख रहा है. जय हो प्रभु...


आज ही किसी ने मुझे ये शेर सुनाया था-
"दूसरों की बुराई जब किया कीजिये, आईना सामने रख लिया कीजिये"
काश दूसरों में कमियां निकालने से पहले ये चैनल अपनी कमियों को दूर करते. कितने ही स्ट्रिंगरों का पैसा मार रखा है, कितनों को मामूली रुपल्ली देकर उनका शोषण किया जा रहा है, पूरा स्टाफ छुट्टी को तरसता रहता है, तमाम लोगों से मुफ्तखोरी करायी जा रही है. जिसका खुद का घर कांच का हो वो दूसरों के घरों पर पत्थर नहीं फेंका करते.

4 comments:

  1. बहुत सच कहा है | आपकी बात से सौ प्रतिशत सहमत है जी | इसी लिये हम इनके चैनल को देखते ही नही है | एक छोटी सी खबर को आधे घंटे तक बार बार दिखा कर कैसे बोर किया जाए वो तो इनसे ही सीखे | लाफ्टर सो वाले तो इन न्यूज चैनल वालो की बहुत खिल्ली उड़ाते है

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  2. गणेशचतुर्थी और ईद की शुभकामनाये


    बहुत ही बढ़िया आलेख है .
    सही कहा जनाब और ये भी तो देखिये की इंडिया टी वी और स्टार ने तो पूरा मैच ही दिखा दिया

    थोडा सा ध्यान यहाँ भी दे : -
    (जानिए पांचो पांडवो के नाम पंजाबी में ....)
    http://thodamuskurakardekho.blogspot.com/2010/09/blog-post_11.html

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  3. मुझे तो लगता है कि यह स्ट्रिग ऑपरेशन देश के संतों को ब्लैकमेल करके पैसे वसूली के लिए किया गया है. काश कोई इन चैनल वालों यानि प्रोफेसनल ब्लैकमेलरों का स्ट्रिंग ऑपरेशन कर पाता ?

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  4. mast likha haiii

    -Rohit Rathore

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