Sunday, April 10, 2011

संस्कृत भाषा को बचाने के लिए पिछले चार दिन से अनशन पर बैठी एक संस्कृत टीचर


भ्रष्टाचार के विरुद्ध अन्ना हजारे का अनशन रंग लाया और सरकार झुक गई। एक व्यवस्थित ढंग से चलाए गए अभियान के सामने सरकार को घुटने टेकने पड़े। लेकिन हर आंदोलन सफलता के अंजाम तक नहीं पहुंचा करता। कई बार व्यवस्था इतनी ढीठ होती है कि अनशन पर बैठे व्यक्ति के प्राण हर कर ही बाज आती है। दिल्ली में रोहिणी के सेक्टर 15 स्थित सेंट एंजेल्स स्कूल के बाहर भी एक ऐसा ही अनशन चल रहा है। गत 7 अप्रैल से स्कूल की संस्कृत शिक्षिका श्रीमति आशा रानी पाठ्यक्रम से संस्कृत हटाने के विरोध में अनशन पर बैठी हैं। दरअसल स्कूल ने कक्षा पांच से कक्षा नौ तक संस्कृत का सूपड़ा साफ करके जर्मन और फ्रेंच भाषा को लगाने का फैसला किया है। इस फैसले से न केवल संस्कृत टीचर नाराज हैं बल्कि स्कूल के स्टूडेंट्स और पैरेंट्स भी परेशान हैं। आशा रानी की मांग है कि कम से कम बच्चों को विषय चुनने का मौका तो दिया जाना चाहिए। लेकिन स्कूल प्रबंधन एक सुनने को तैयार नहीं है। पिछले चार दिन से आशा रानी आमरण अनशन पर बैठी हैं।

जड़ में भ्रष्टाचार

दरअसल स्कूल की इस मनमानी की जड़ में भी भ्रष्टाचार ही है। स्कूल प्रबंधन अपने स्टाफ को कम सैलरी देकर कागजों में ज्यादा पर दस्तखत करवाता है। इस भ्रष्ट चलन का आशा रानी कई बार विरोध कर चुकी थीं। यहां तक कि स्कूल प्रबंधन की उनके साथ खासी तनातनी भी हो चुकी थी। अब स्कूल प्रबंधन आशा रानी से निजात पाना चाहता है। इसके लिए प्रबंधन ने फैसला किया कि स्कूल से संस्कृत विषय ही हटा दिया जाए। न रहेगी संस्कृत और न रहेगी उसको पढ़ाने वाली आशा रानी। लेकिन भारतीय संस्कृति की पहचान संस्कृत भाषा को हटाने का निर्णय न तो बच्चों को रास आ रहा है और न अभिभावकों को। इसलिए इसके विरोध में आशा रानी स्कूल के गेट पर अनशन पर बैठ गई हैं।

कोई सुनवाई नहीं

आशा रानी के इस अभियान से स्कूल प्रबंधन पर कोई खास असर पड़ता नहीं दिख रहा है। दरअसल मीडिया ने भी इस मामले अभी उस तरह नहीं दिखाया है, बल्कि ये कहें कि मीडिया में अभी ये मामला आया ही नहीं है। आशा रानी ने बस अपने दम पर बिना किसी सोची-समझी रणनीति के अभियान छेड़ दिया है। लेकिन रोहिणी सेक्टर 15 के निवासियों के बीच आशा रानी की ये मांग और विरोध प्रदर्शन लगातार चर्चा का विषय बना हुआ है। वैसे इससे ज्यादा दुर्भाग्य की बात कोई क्या होगी कि अपनी सांस्कृतिक धरोहर और देव वाणी संस्कृत को जर्मन और फ्रेंच की भेंट चढ़ाया जा रहा है। उम्मीद है कि आशा रानी का ये अनशन जरूर रंग लाएगा।



अधिक जानकारी के लिए संपर्क सूत्र

आशा रानीः 8826050123
सेंट एंजल्स स्कूलः 27291521, 27294021, 27298621



7 comments:

  1. इस समर्पण को सलाम !

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  2. आशा रानी डटी रहो सब तुम्हारे साथ हैं .....

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  3. Aashs Rani ka prayash jaroor rang laayega. Hame aap se gujarish hai ki aap isko vyvsthit roop se anjaam de jisse aapka kiya hua prayaas phal daayee ho ...
    Bhagwan aapki rakshsa Karen.

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  4. अभिवादनम् करोमि.

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  5. मित्रों आशा रानी कि मेहनत रंग लायी. जानकारी मिली है कि उनकी मांगें मान ली गयी हैं....

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  6. शुभप्रयास:

    शुभकामना:

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