सोमवार, 17 नवंबर 2008

कैसा ये प्यार है

ये प्रियंका और अंजू हैं। दोनों के बीच गहरा "दोस्ताना" है। इतना गहरा कि इसके खातिर प्रियंका को अपने माँ-बाप कि हत्या करनी पड़ी। अभी कुछ दिन पहले मेरठ की प्रेम प्रयाग कालोनी में एक ओल्ड कपल कि बुरी तरह हत्या कर दी गई. हत्या के बाद उनके मुह में हलक तक कपड़ा ठूस दिया गया। हत्या को लूट की शक्ल देने के लिए घर से कुछ नगदी और सामान भी गायब कर दिया गया। पुलिस के लिए मामला काफी पेचीदा हो गया, लेकिन पाँच दिन के भीतर ही मर्डर का खुलासा हो गया। कातिल कोई और नहीं कपल की अपनी बेटी प्रियंका थी। जिसने अपनी सहेली अंजू के साथ दोनों को मार डाला।
आख़िर kyon
अब सवाल उठता है कि बड़ा कदम आखिर क्यों उठाया गया। इसकी वजह हमारे रिश्तों में ही कहीं मिली। समय अजीबो-गरीब तरीके से बदल रहा है। रिश्तों की नींव खोखली होती जा रही हैं। इन दोनों सहेलियों के मुताबिक इन्हें परिवार से कभी प्यार नहीं मिला। हमेशा दुत्कार और घृणा। दोनों पढ़ी लिखी हैं। एक फैशन है दूसरी इन्तेरिओर डेकोरेशन में दक्ष है। प्रियंका है पूर्व मिस मेरठ भी रही है। दोनों के दिल का दर्द इन्हें करीब ले आया और "dostana" हो गया। लेकिन यह रिश्ता घरवालों के गले नहीं उतरा। दोनों का कई जगह कई बार शोषण हुआ। लेकिन ये साथ नहीं छूटा। पूरी स्टोरी है काफी फिल्मी है। आखिरकार जब परिस्थितियां ज्यादा कठिन हो गई तो एक दिन घर वापस आकर अपना हक़ मांगने आई प्रियंका ने अंजू के साथ अपनी माँ और बाप को मार डाला। बेटी जैसा संवेदनशील समझे जाने वाला रिश्ता छलनी-छलनी हो गया।
कौनसी दिशा
आखिर अपना समाज कौनसी दिशा में जा रहा है। नए-नए तरह के रिश्ते गधे जा रहे हैं। सदियों से चली आ रही मान्यताएं तेजी से टूट रही हैं। आखिर जिम्मेदार कौन है। कोमल मन वाला युवा वर्ग, या समाज को चलने वाला सिस्टम, या समाज के ठेकेदार, या मीडिया.... कुछ नहीं कहा जा सकता। हर एक कि चादर में छेद है। वास्तव में समाज को सच्ची और सही दिशा देने वाले लीडर और सिस्टम दोनों का अभाव है...

कर्म फल

बहुत खुश हो रहा वो, यूरिया वाला दूध तैयार कर कम लागत से बना माल बेचेगा ऊंचे दाम में जेब भर बहुत संतुष्ट है वो, कि उसके बच्चों को यह नहीं पीन...