बहुत खुश हो रहा वो, यूरिया वाला दूध तैयार कर
कम लागत से बना माल बेचेगा ऊंचे दाम में जेब भर
बहुत संतुष्ट है वो, कि उसके बच्चों को यह नहीं पीना
बनाया है दूसरों के लिए, किसको यहां अधिक जीना
भूल गया है कि कोई और कर रहा आइसक्रीम में मिलावट
जिसे खरीदकर खाएंगे उसके बच्चे बड़े चाव से झटपट
खुद के मिलावटी दूध से अपने बच्चों को तो बचा लिया
पर जो मिलावटी आइसक्रीम वे खा रहे उसका क्या
आइसक्रीम वाले के बच्चे रोज खा रहे मिलावटी नमकीन
धन को लक्ष्य बनाकर तली गई है बिल्कुल होकर भावहीन
और नकीमन वाले के बच्चों को नसीब हैं मिलावटी मसाले
पैकेट बंद अच्छे ब्रांड के चुनकर किये हैं पत्नी के हवाले
बड़े ब्रांड को भी बिना मिलावट के कहां मुनाफा आता है
आटे में नमक के बराबर तो पूरे देश में चल ही जाता है
मसाले वाले सेठ के बच्चे भी कहां बच पा रहे मिलावट से
चपेट में आ ही जाते हैं कहीं न कहीं इस गिरावट के
उसके बच्चे खा रहे बड़े होटल में मिलावटी पनीर का टिक्का
फाइव स्टार भोजन को समझ बैठे हैं एकदम खरा सिक्का
पर इस मिलावटी दौर में कहां अछूते हैं तथाकथित फाइव स्टार
सरल कमाई के इस दौर में शुद्धता की बात करनी है बेकार
मिलावटखोर चाहता है कि उसके बच्चे मिलावटी खाने से बचें
पर विधाता ने हर किसी के लिए कर्मों के फल यहीं पर रचे।
© सचिन राठौर
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