मंगलवार, 2 दिसंबर 2008

मूछ की ज़ंग



भाई बड़ी गज़ब की दुनिया है... और गज़ब इसके समाज हैं... अब पति पत्नी संबंधों को ही लो। इनके बीच झगडे के तमाम कारण सुने हैं। अमा ये सम्बन्ध बना ही झगड़ने के लिए है... लेकिन अभी हाल ही में जैसा कारण मेरठ में देखने को मिला, वो न कभी देखा और न सुना। जी हाँ, झगडे का कारण बन गयी पतिदेव की मूछ।


पत्नी जी को पतिदेव की मूछ इस कदर नापसंद थी की दोनों के बीच भारी तकरार हो गई। लेकिन पति को भी अपनी मूछ से भयंकर लगाव था। पत्नी की एक न सुनी और मूछ कटाने से साफ इंकार कर दिया। लेकिन पत्नी भी आखिर शक्ति का प्रतिक थी। जिद पर अड़ गई। मायके चले गई। फिर एक दिन बहने से पति को मायके बुलाया और सब घर वालों ने मिलकर मुछ-मुंडन कर डाला। पति ख़ुद को ठगा सा महसूस कर रहा था। मनो किसी ने कमर में चाकू भोंक दिया हो। बात काफी बिगड़ गई। बढ़ते-बढ़ते थाने पहुच गई और थाने से अख़बारों में। पूरे शहर ने ख़बर पढ़ी। किसी ने पति को तो किसी ने पत्नी को दोष दिया। बहरहाल दोनों के बमुश्किल समझौता हो गया। पत्नी खुश थी की पति मूछों से छुटकारा मिल गया। और पति सोच रहा था की अबकी बार मूछ आई तो पेहले से भी लम्बी रखूँगा।

4 टिप्‍पणियां:

कर्म फल

बहुत खुश हो रहा वो, यूरिया वाला दूध तैयार कर कम लागत से बना माल बेचेगा ऊंचे दाम में जेब भर बहुत संतुष्ट है वो, कि उसके बच्चों को यह नहीं पीन...