लिख रहा हूँ मैं आज ख़बर,
कर रहा सबको बखबर,
घिस रहा कलम को अपनी,
पीस रहा अक्ल को अपनी,
ख़बर लिखते लिखते, ख़ुद एक दिन ख़बर बन जाऊंगा मैं,
जिसने दिया इस देह को उस ईश में विलय हो जाऊंगा मैं,
है यकीं इतना तो मुझको, कि कुछ तो ऐसा कर जाऊंगा मैं,
प्रथम पृष्ठ की न सही, पर ख़बर तो बन ही जाऊंगा मैं॥