मंगलवार, 26 फ़रवरी 2008

पत्रकार




लिख रहा हूँ मैं आज ख़बर,

कर रहा सबको बखबर,

घिस रहा कलम को अपनी,

पीस रहा अक्ल को अपनी,

ख़बर लिखते लिखते, ख़ुद एक दिन ख़बर बन जाऊंगा मैं,

जिसने दिया इस देह को उस ईश में विलय हो जाऊंगा मैं,

है यकीं इतना तो मुझको, कि कुछ तो ऐसा कर जाऊंगा मैं,

प्रथम पृष्ठ की न सही, पर ख़बर तो बन ही जाऊंगा मैं॥

1 टिप्पणी:

बिहार विधानसभा चुनाव 2025: शांतिपूर्ण लोकतंत्र का अद्भुत उदाहरण

बिहार, जिसे कभी चुनावी हिंसा और तनाव के लिये जाना जाता था, इस बार लोकतंत्र के इतिहास में एक उल्लेखनीय परिवर्तन का गवाह बना है। हाल ही सम्पन...