Wednesday, February 18, 2009

एक और प्रेम कहानी का अंत


लो शहर की एक और प्रेम कहानी का अंत हो गया, वो भी वैलेंटाइन डे के दिन। किशन (२८) का ममता के साथ पिछले चार साल से "चक्कर" था और ये चक्कर काफी आगे निकल चुका था। दोनों संपन्न परिवारों से और सजातीय थे। लेकिन वैलेंटाइन डे के दिन किशन की लाश ममता के घर में मिली। चीज़ें साफ़ थीं लेकिन उस दिन कुछ खुलकर सामने नहीं आया। अगले दिन जब पुलिस ने केस खोला तो तस्वीर भयानक निकली।


दरअसल ममता ने ही किशन को ज़हर दिया था। उसका आरोप था की किशन बेवफाई कर रहा था। किशन के घर वालों ने उसकी शादी दूसरी जगह तय कर दी थी। किशन ने ममता की भावनाओं का ख्याल किए बिना शादी के लिए हाँ भी कर दी। लेकिन इसके बावजूद किशन ने ममता के साथ सम्बन्ध बरक़रार रखे। जो बातें अन्दर से छन कर आयीं उनके मुताबिक वैलेंटाइन डे के दिन किशन ने ममता के साथ यौन सम्बन्ध बनाये, जो वह पहले भी करता रहा था। और उसके बाद ममता को दूसरी जगह शादी तय होने की बात कही। ममता का आरोप है की किशन उसको लगातार ब्लैक मेल कर शारीरिक सम्बन्ध बना रहा था। सो उसने अपनी प्रेम भरी मुस्कान के साथ किशन को सल्फोस पाउडर खिला दिया।


इस तरह एक और प्रेम गाथा ख़त्म हो गई। सवाल फिर से वही है की क्या यही प्यार है। प्यार के नाम में पूरे देश में क्या हो रहा है ये सबके सामने है। बड़े शहरों का हल किसी से नही छिपा है। असल में जिस तरह का प्यार आज नज़र आ रहा है वह बाज़ार की देन है। जिसमें ग्लेमर है, उत्तेजना है, आकर्षण है, मस्ती है, झूठ है नहीं है तो बस वफादारी और सच्चाई। लेकिन भाई चुप रहो , इस तरह की बातें करने वालों को तो दकियानूसी और रुढिवादी कहा जाता है। सो जैसा चल रहा है चलने दो, जब सब बाज़ार की गिरफ्त में हैं तो तुमको ही क्या पड़ी है।

6 comments:

  1. sahi kaha aapne piar to aajkal khel ho gaya hai bachon ko aur kuchh yaad rahe na rahe magar piaar ke naam par aise khel jaroor khelte hain chup bhi nahi rehna chahiye koi dakiyanoosi kahe ya kuchh aur galat ko galat kehne me hichak kesi

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  2. असल में जिस तरह का प्यार आज नज़र आ रहा है वह बाज़ार की देन है। जिसमें ग्लेमर है, उत्तेजना है, आकर्षण है, मस्ती है, झूठ है नहीं है तो बस वफादारी और सच्चाई।
    बिल्‍कुल सहमत हूं आपसे....

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  3. हाँ यही प्यार है, यही प्यार है! मतलब कि वेलेंटाइनी प्यार.

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  4. प्रेम में आदमी अँधा हो जाता है और इस तरहकी हरकत करता है यह उसी का अन्तिम नतीजा है . दुनिया में तरह तरह के आदमी होते है उनमे से एक प्रजाति के आदमी होते है जो आपने लिखे है .क्या कहे.

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  5. prem is not like that.....it is a just a khumaar ....only khumaar

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  6. इस मुद्दे पर मैने दो दिन पहले इर्द-गिर्द ब्‍लाग पर भी पढ़ा था।

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