हमारे मित्र सागर धवन अंग्रेजी में कविता करते हैं. मैंने उनसे कई बार कहा कि अपनी कविताओं का एक ब्लॉग बना लो, तो उनका जवाब था कि इतने सारे ब्लॉगर्स के बीच उनका ब्लॉग कहाँ टिक पायेगा. दरअसल वो अपनी कविताओं को कमतर आंकते हैं. सो मैंने सोचा कि उनकी कविता मैं ही अपने ब्लॉग पर लिख देता हूँ . क्या पता मेरे ब्लॉग पर अपनी कविता पढ़कर उनको प्रेरणा मिल जाए. ये कविता उनके शुरूआती दिनों की है. उस समय वे श्री राम कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स से ग्रेजुएशन कर रहे थे. आज उनकी कविता और भी ज्यादा परिपक्व हो चुकी है. लेकिन सागर फिर भी ब्लॉग बनाने के लिए तैयार नहीं हैं. हो सकता है मेरे लिखने के बाद वो ब्लॉग बना लें. इस साल का पहला पोस्ट सागर के नाम...
Wings of Imagination
I dream of a world,
A really true world.
Where every one is equal,
Where no one is distinguished as boy or a girl.
A world where there are no fears,
A world without any tears.
Everyone with a broad free mind,
Absolutely no difference of any kind.
A world where broken relationships mend,
A world full of trustworthy friends.
Where everyone has a right to speak,
To talk, to walk and to freak.
Where everyone hopes of his future being bright,
A world where people never fight.
A world where everyone has freedom,
A world called God's Kingdom.
Let's make this earth a place so fair,
Where love is shared and everyone cares.
A world full of pleasure and sensation,
A world of my Imagination.
-Sagar Dhawan
जानदार और शानदार प्रस्तुति हेतु आभार।
जवाब देंहटाएं==================
कृपया पर्यावरण संबंधी इस दोहे का रसास्वादन कीजिए।
==============================
शहरीपन ज्यों-ज्यों बढ़ा, हुआ वनों का अंत।
गमलों में बैठा मिला, सिकुड़ा हुआ बसंत॥
सद्भावी-डॉ० डंडा लखनवी
============================
bahut khoooooob.... Lajawab....
जवाब देंहटाएं