शुक्रवार, 6 सितंबर 2024

कर्म फल

बहुत खुश हो रहा वो, यूरिया वाला दूध तैयार कर

कम लागत से बना माल बेचेगा ऊंचे दाम में जेब भर

बहुत संतुष्ट है वो, कि उसके बच्चों को यह नहीं पीना

बनाया है दूसरों के लिए, किसको यहां अधिक जीना


भूल गया है कि कोई और कर रहा आइसक्रीम में मिलावट

जिसे खरीदकर खाएंगे उसके बच्चे बड़े चाव से झटपट

खुद के मिलावटी दूध से अपने बच्चों को तो बचा लिया

पर जो मिलावटी आइसक्रीम वे खा रहे उसका क्या


आइसक्रीम वाले के बच्चे रोज खा रहे मिलावटी नमकीन

धन को लक्ष्य बनाकर तली गई है बिल्कुल होकर भावहीन 

और नकीमन वाले के बच्चों को नसीब हैं मिलावटी मसाले

पैकेट बंद अच्छे ब्रांड के चुनकर किये हैं पत्नी के हवाले


बड़े ब्रांड को भी बिना मिलावट के कहां मुनाफा आता है

आटे में नमक के बराबर तो पूरे देश में चल ही जाता है

मसाले वाले सेठ के बच्चे भी कहां बच पा रहे मिलावट से

चपेट में आ ही जाते हैं कहीं न कहीं इस गिरावट के


उसके बच्चे खा रहे बड़े होटल में मिलावटी पनीर का टिक्का

फाइव स्टार भोजन को समझ बैठे हैं एकदम खरा सिक्का

पर इस मिलावटी दौर में कहां अछूते हैं तथाकथित फाइव स्टार

सरल कमाई के इस दौर में शुद्धता की बात करनी है बेकार


मिलावटखोर चाहता है कि उसके बच्चे मिलावटी खाने से बचें

पर विधाता ने हर किसी के लिए कर्मों के फल यहीं पर रचे।


© सचिन राठौर

मंगलवार, 3 सितंबर 2024

सीसीटीवी कैमरा

सीसीटीवी कैमरा देख ठिठक गया है उसका मन,

सहसा बदल गए हैं चाल-ढाल और आचरण,

सतर्क हो गया है अपने बर्ताव में, व्यवहार में,

अभिनय ऐसा जो भरा हो एक उम्दा फनकार में,

दिखना चाहता है अधिक सभ्य और अत्यंत कुशल,

यही सोच कर रही अंदर गहरी उथल-पुथल,

कहीं कोई देख रहा हो कैमरे से उसका चाल-चलन,

जाने किस नज़र से कर रहा हो उसका आंकलन,

छोटे से कैमरे ने कर दिया इतना बड़ा परिवर्तन,

बेपरवाह व्यक्तित्व में भर दिया त्वरित अनुशासन,

वैसे एक कैमरा तो लगा है उसके स्वयं के भीतर भी,

रिकॉर्ड करता सब तस्वीरें और है एक अच्छा टीचर भी,

अंतर्मन के सीसीटीवी कैमरे से देखा होता अपने कर्म को,

तो समझ गया होता अब तक जीवन के असली मर्म को।


© सचिन राठौर

कर्म फल

बहुत खुश हो रहा वो, यूरिया वाला दूध तैयार कर कम लागत से बना माल बेचेगा ऊंचे दाम में जेब भर बहुत संतुष्ट है वो, कि उसके बच्चों को यह नहीं पीन...